White तुम चांदनी रात का माहताब हो, मेरी नशीली आंखो | हिंदी शायरी

"White तुम चांदनी रात का माहताब हो, मेरी नशीली आंखों की शराब हो, तुम्हें क्या पता तुम कौन हो, तुम मेरी ग़ज़ल ही नहीं, तुम तो मेरी गजलों की किताब हो। ❤️😊 ©Priyanka Poetry"

 White तुम चांदनी रात का माहताब हो,
मेरी नशीली आंखों की शराब हो, 
तुम्हें क्या पता तुम कौन हो, 
तुम मेरी ग़ज़ल ही नहीं, 
तुम तो मेरी गजलों की किताब हो। ❤️😊

©Priyanka Poetry

White तुम चांदनी रात का माहताब हो, मेरी नशीली आंखों की शराब हो, तुम्हें क्या पता तुम कौन हो, तुम मेरी ग़ज़ल ही नहीं, तुम तो मेरी गजलों की किताब हो। ❤️😊 ©Priyanka Poetry

❤️😊

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