White अर्ज किया है कि
ये घर बार,दरों दीवार सब तेरे है
ये प्यार,व्यार संस्कार सब तेरे है
और होते होंगे लोग लालची तेरे धन के मगर
हम तो जैसे है,किरायेदार सब तेरे है
कर कर खून पानी अपना सब पौधे लगाए तेरे है
तेरी बरसी रहमत के शुक्रगुजार सब तेरे है
एक इल्तज़ा करके रब से,यही मिन्नत सब ने मांगी है
रहे सलामत नायक घर का,हर कोई सहारे तेरे है
ये घर बार,दरों दीवार सब तेरे है.......(2)
(एक रूप पिता का.............ऐसा भी)
By...... शायर...... गुमनाम
©aazad parinda
#fathers_day by... शायर......गुमनाम