New Year 2025 बदल भी जा पहली जनवरी, रह जाएगी तारीख | हिंदी कविता

"New Year 2025 बदल भी जा पहली जनवरी, रह जाएगी तारीख तारीख में याद। थक चुका हूं देते -लेते, फिर सोचता हूं,किस बात की मुबारकबाद, सबकी तो अपनी अपनी है तू, सबका तो अपना अपना है साल। ©BANDHETIYA OFFICIAL"

 New Year 2025 बदल भी जा पहली जनवरी,
रह जाएगी तारीख तारीख में याद।
थक चुका हूं देते -लेते,
फिर सोचता हूं,किस बात की मुबारकबाद,
सबकी तो अपनी अपनी है तू,
सबका तो अपना अपना है साल।

©BANDHETIYA OFFICIAL

New Year 2025 बदल भी जा पहली जनवरी, रह जाएगी तारीख तारीख में याद। थक चुका हूं देते -लेते, फिर सोचता हूं,किस बात की मुबारकबाद, सबकी तो अपनी अपनी है तू, सबका तो अपना अपना है साल। ©BANDHETIYA OFFICIAL

#Newyear2025 #पहली जनवरी

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