कैसे बतलाऊं तुम कितनी खास हो
पास न होते हुए भी तुम मेरे पास हो
ज़िंदगी में कड़वाहट बहुत भरी है मेरी
सबपे भारी पड़ती तुम मेरी मिठास हो
मैकदे में जा पीने से कोई रोकता नहीं
मुझे सुधारने की बस तुम मेरी आस हो
कैसे बयां करूं मैं क्या हो तुम मेरे लिए
तुम मेरा कल आज तुम मेरे इतिहास हो
कोई पूछता है जब कहां रहते हो वत्स
तुम्हारा ज़िक्र करता तुम मेरा निवास हो
यूं तो यकीन नहीं रहा किसी पे भी अब
मेरी हयात तुम हो तुम मेरा विश्वास हो
©Bharat Sharma Vats
#Love