अधूरी चाहतों की एक पूरी तस्वीर का भी अजीब दस्तूर रहता हैं,
बहुत उसके करीब आते तो थे पर वो अब खुद से भी दूर रहता है!
सुना हैं उसको जो पहले अपना शहर मान के रुक जाया करते थे कुछ लोग,
अब उन्ही शहर की गलियों में वो गुमनाम मशहूर रहता हैं !
©सोचती स्याही
ek safar ye bhi ho ki akele se shuru ho aur usi akelepan pe khtm bhi.
#solitary