शुभ भोर वंदन 🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹************************** | हिंदी शायरी

"शुभ भोर वंदन 🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹*************************** ताले - तहखाने खुले , मंगल है यह काल । विचार -धीन थी याचिका, बीते दशकों साल । बीते दशकों साल , सत्य का पता चलेगा । मन्दिर-मस्जिद ढाल, तथ्य औ' साक्ष्य मिलेगा । खुल जायेगा राज, हटेंगे, दिल के जाले । सर्वे के सब साज , खुले बरसों के ताले । स्वरचित- वर्षा बिष्ट ©pahadi Bisht"

 शुभ भोर वंदन
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ताले -  तहखाने   खुले ,  मंगल  है यह   काल ।
विचार -धीन थी  याचिका, बीते दशकों साल ।
बीते  दशकों  साल ,  सत्य   का पता  चलेगा ।
मन्दिर-मस्जिद ढाल, तथ्य औ' साक्ष्य मिलेगा ।
खुल   जायेगा   राज,   हटेंगे,  दिल के  जाले ।
सर्वे  के   सब  साज , खुले   बरसों के  ताले ।

     स्वरचित-
वर्षा बिष्ट

©pahadi Bisht

शुभ भोर वंदन 🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹*************************** ताले - तहखाने खुले , मंगल है यह काल । विचार -धीन थी याचिका, बीते दशकों साल । बीते दशकों साल , सत्य का पता चलेगा । मन्दिर-मस्जिद ढाल, तथ्य औ' साक्ष्य मिलेगा । खुल जायेगा राज, हटेंगे, दिल के जाले । सर्वे के सब साज , खुले बरसों के ताले । स्वरचित- वर्षा बिष्ट ©pahadi Bisht

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