अक्सर में खुद को ही समझाया करता हूं
अनसुलझे सवालों को खुद ही सुलझाया करता हूं।
कुछ बातें कुछ याद है कुछ आने वाले पल।
बैठकर खुद के साथ खुद को भी सुनाया करता हूं।।
अनकही कोई कहानी अनसुनी को इस जुबानी।
अक्सर यूं ही पहेली बुझाया करता हूं।।
अक्सर में खुद को ही समझाया करता हूं.......
मनोज।
©MAnoj MEhar
#DiyaSalaai