कमलेश बड़ते हुये शहर आ रहे है सबको नजर वायुमंडल प | हिंदी कविता

"कमलेश बड़ते हुये शहर आ रहे है सबको नजर वायुमंडल पर इनका असर क्या नहीं ढा रहा है कहर हर तरफ धुँवा, हर तरफ जहर घुट घुट सांसे लें रहे हैं मगर सब सोये पढ़े हैं बेखबर सोच तो लो एक पहर। कि डूब रहा है गम में शहर ©Kamlesh Kandpal"

 कमलेश बड़ते हुये शहर 
आ रहे है सबको नजर 
वायुमंडल पर इनका असर 
क्या नहीं ढा रहा है कहर 
हर तरफ धुँवा, हर तरफ जहर 
घुट घुट सांसे लें रहे हैं मगर 
सब सोये पढ़े हैं बेखबर 
सोच तो लो एक पहर।
कि डूब रहा है गम में शहर

©Kamlesh Kandpal

कमलेश बड़ते हुये शहर आ रहे है सबको नजर वायुमंडल पर इनका असर क्या नहीं ढा रहा है कहर हर तरफ धुँवा, हर तरफ जहर घुट घुट सांसे लें रहे हैं मगर सब सोये पढ़े हैं बेखबर सोच तो लो एक पहर। कि डूब रहा है गम में शहर ©Kamlesh Kandpal

#shahar

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