*कोई कोई बात* *बेचैन सी कर देती है उसकी मुझे , को | हिंदी Love

"*कोई कोई बात* *बेचैन सी कर देती है उसकी मुझे , कोई कोई बात* *मैं भूलना भी चाहूँ तो भूल न पाऊँ उसकी , कोई कोई बात* *जब भी हम मिले अधूरी सी रह गई हमारी , कोई कोई बात* *याद रखता हूँ किस्से मगर भूल जाता हूँ अपनी , कोई कोई बात* *जिंदगी मेरी राएगाँ ना गई याद रखी मैंने उसकी , कोई कोई बात* *इश्क़ तो उससे मुक्कमल है मगर अधूरी रह गई इश्क़ की , कोई कोई बात* *सारे राज़ मैं ज़ाहिर भी कर देता मगर फिर भी रह जाती , मेरी कोई कोई बात* *वजाहत में उलझकर यही लिखा ‘आलोक’ , कि अनकही रहे या न रहे कोई कोई बात* ©ALOK SONI"

 *कोई कोई बात*

*बेचैन सी कर देती है उसकी मुझे , कोई कोई बात*
*मैं भूलना भी चाहूँ तो भूल न पाऊँ उसकी , कोई कोई बात*
*जब भी हम मिले अधूरी सी रह गई हमारी , कोई कोई बात*
*याद रखता हूँ किस्से मगर भूल जाता हूँ अपनी , कोई कोई बात*
*जिंदगी मेरी राएगाँ ना गई याद रखी मैंने उसकी , कोई कोई बात*
*इश्क़ तो उससे मुक्कमल है मगर अधूरी रह गई इश्क़ की , कोई कोई बात*
*सारे राज़ मैं ज़ाहिर भी कर देता मगर फिर भी रह जाती , 
मेरी कोई कोई बात*
*वजाहत में उलझकर यही लिखा ‘आलोक’ , कि अनकही रहे या 
न रहे कोई कोई बात*

©ALOK SONI

*कोई कोई बात* *बेचैन सी कर देती है उसकी मुझे , कोई कोई बात* *मैं भूलना भी चाहूँ तो भूल न पाऊँ उसकी , कोई कोई बात* *जब भी हम मिले अधूरी सी रह गई हमारी , कोई कोई बात* *याद रखता हूँ किस्से मगर भूल जाता हूँ अपनी , कोई कोई बात* *जिंदगी मेरी राएगाँ ना गई याद रखी मैंने उसकी , कोई कोई बात* *इश्क़ तो उससे मुक्कमल है मगर अधूरी रह गई इश्क़ की , कोई कोई बात* *सारे राज़ मैं ज़ाहिर भी कर देता मगर फिर भी रह जाती , मेरी कोई कोई बात* *वजाहत में उलझकर यही लिखा ‘आलोक’ , कि अनकही रहे या न रहे कोई कोई बात* ©ALOK SONI

People who shared love close

More like this

Trending Topic