ए मेरे खोये रिश्ते
बहूत याद आता हैं तू
पलके भीग जाती हैं
जब याद आता है तू
उस दिन याद
जब तूम मूझ से आ मिले थे
कितना लड़े थे हम
एक दूसरे की जान पर आ बनी थी
पर, पिछे ना तूम थे , ना मै
फिर जाने तूम खामोश
क्यों हो गये
देख कर तुम्हारी खामोशी
मेरी भी चुप्पी थी
उस वक़्त से जिन्दगी ही
बदल गई मेरी
और वो एक पल से
आज तक अलग न हूआ मूझ से
तुम्हारी याद मे
(चाँदनी)