Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है | हिंदी मोटिवेशनल

"Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है, अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है। धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं, हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है। वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर, अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है। जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर, वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है। आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ, और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है। सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त, हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है। ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे, ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है। Rajeev ©samandar Speaks"

 Unsplash 
आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है,
अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है।

धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं,
हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है।

वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर,
अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है।

जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर,
वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है।

आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ,
और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है।

सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त,
हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है।

ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे,
ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है।
Rajeev

©samandar Speaks

Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है, अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है। धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं, हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है। वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर, अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है। जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर, वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है। आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ, और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है। सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त, हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है। ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे, ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है। Rajeev ©samandar Speaks

#library @Mukesh Poonia @Anant @Radhey Ray @Sandeep L Guru @bewakoof

People who shared love close

More like this

Trending Topic