ये मेरी ज़िंदगी
ये मेरी ज़िंदगी, एक खुला आसमान,
ख़्वाबों के परिंदे, हर पल उड़ान।
हर सुबह नई उम्मीदें लेकर आती,
हर शाम कुछ किस्से सुनाकर जाती।
रास्ते कभी सीधे, कभी मुड़ते,
कभी कांटे बिछे, कभी फूल खिलते।
हर ग़म को हँसी से गले लगाना,
अश्कों को भी है अपनाना।
मुझको चलते है जाना,
की शिखर अभी कुछ दूर को है।
आलिंगन को उसके है मुकाम,
अपनी हो पहचान, इत्ता सा अरमां।
©Avinash Jha
#Lifelight