जिमेदारी के बोझ तले दबा आदमी घर के सभी सदस्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निकलता है और बहुत निराश होता है टूटता है फिर संभलता है और आगे बढ़ता है।ना जाने कौनसी ऐसी चिंगारी सी जिसके मन में भड़क उठती है जो उसे कभी थकने तक नहीं देती।वो सिर्फ और सिर्फ एक पिता ही हो सकता है।love you papa
by Rajkrishan
©Raj Krishan
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