रोज एक नई इबारत लिखती है सियासत सोचता कौन है अवाम का नेता तो होता है बस नाम का जनता को दिखाकर ख्याली ख्वाब जोड़े खुद के लिए माल असबाब ना कभी चित, ना कभी पट चलती हरवक्त इनकी कपट ©Kamlesh Kandpal #siyasat Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto