राम आये ।
तन झूमे ,मन गाये ,
देखो राजा राम आये ।
बादलों को भी है आस वरस जाने की ,
धरती को भी प्यास संवर जाने की ।
गंगा , यमुना , की कलकल धारा ,
जिन्होने कितनों है तारा ।
राममय होके गायें ,
देखो राजा राम आये ।
अयोध्या के भाग कितने अजब हैं ,
किस्से रामजी के कितने गजब है।
सरयू जी के पावन तट पर
तुलसीदास ध्यान लगाये .
मिलने को देखो , राजा राम आये।
- वैभव पान्डेय
©Vaibhav Pandey