कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी, उत्सव भारी होय.. बाबा भैया | हिंदी कविता

"कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी, उत्सव भारी होय.. बाबा भैया के दरबार से,खाली न जाए कोय ! ***** जिसने जो माँगा मिला बाबा के दरबार .. तू भी बन्दिया मांग ले,बाबा हैं दातार ! ******----****---**** बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... बाबा भैया की जय ...बाबा भैया की जय ... ग्राम बीच अस्थान तुम्हारा,लiगे प्यारा प्यारा , जिसने तेरी टेर लगाई, तुमने पार उतारा , जैसे भी बाबा रखे तू उसी हाल में रह... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... ज्योत जलाते दुध चढ़ाते शक्कर भोग लगाते , हे ग्राम देवता बाबा भैया पहले तुम्हें मनाते , जैसे मैंने कहा है प्यारे वैसे तू भी कह.... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... भक्तों के अपने बाबा जी, सारे कष्ट मिटाओ , दास खड़े है द्वार तुम्हारे आकर दरस दिखाओ , "कौशिक" को ना कोई चिंता और ना कोई भय... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय..... *****----****----****** ©मनोज कौशिक"

 कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी, उत्सव भारी होय..
बाबा भैया के दरबार से,खाली न जाए कोय !
*****
जिसने जो माँगा मिला बाबा के दरबार ..
तू भी बन्दिया मांग ले,बाबा हैं दातार ! 

******----****---****
बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ...
बाबा भैया की जय ...बाबा भैया की जय ... 

ग्राम बीच अस्थान तुम्हारा,लiगे प्यारा प्यारा ,
जिसने तेरी टेर लगाई, तुमने पार उतारा , 

जैसे भी बाबा रखे तू उसी हाल में रह...
बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... 

ज्योत जलाते दुध चढ़ाते शक्कर भोग लगाते ,
हे ग्राम देवता बाबा भैया पहले तुम्हें मनाते , 

जैसे मैंने कहा है प्यारे वैसे तू भी कह....
बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... 

भक्तों के अपने बाबा जी, सारे कष्ट मिटाओ ,
दास खड़े है द्वार तुम्हारे आकर दरस दिखाओ , 

"कौशिक" को ना कोई चिंता और ना कोई भय...
बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय.....

*****----****----******

©मनोज कौशिक

कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी, उत्सव भारी होय.. बाबा भैया के दरबार से,खाली न जाए कोय ! ***** जिसने जो माँगा मिला बाबा के दरबार .. तू भी बन्दिया मांग ले,बाबा हैं दातार ! ******----****---**** बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... बाबा भैया की जय ...बाबा भैया की जय ... ग्राम बीच अस्थान तुम्हारा,लiगे प्यारा प्यारा , जिसने तेरी टेर लगाई, तुमने पार उतारा , जैसे भी बाबा रखे तू उसी हाल में रह... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... ज्योत जलाते दुध चढ़ाते शक्कर भोग लगाते , हे ग्राम देवता बाबा भैया पहले तुम्हें मनाते , जैसे मैंने कहा है प्यारे वैसे तू भी कह.... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय ... भक्तों के अपने बाबा जी, सारे कष्ट मिटाओ , दास खड़े है द्वार तुम्हारे आकर दरस दिखाओ , "कौशिक" को ना कोई चिंता और ना कोई भय... बोलो बोलो रे भक्तों बाबा भैया की जय..... *****----****----****** ©मनोज कौशिक

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