कल तक हम अनजान थे दरिंदों से ,
आज खुली आंखों से सच देख रहा हूं ।
इज्जत लूटा और अंग - अंग काटा ,
खून से लथपथ मैं तस्वीर देख रहा हूं ।
दुश्मन पल रहा हिन्दुओं का हिंदुस्तान में ,
आज तड़पता मैं कश्मीर देख रहा हूं ।
मन में घृणा जगा रहा है अब खूदा से ,
समय का घूमता चक्र मैं देख रहा हूं ।
जाग रहा है आज सेकुलर अंधभक्त भी,
आंखों में आंसुओं का धार मैं देख रहा हूं ।
आंसू थमते नहीं इतिहास देखकर ,
कड़वा शब्द भरा जवाब मैं लिख रहा हूं ।
कल तक अनजान थे हम दरिंदों से ,
आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं ।
अधर्म का नाश , धर्म की जय ,
दुनिया का बदलता तस्वीर मैं देख रहा हूं ।
जो अभी भी ना समझे वह अज्ञानी है ,
घर - घर भगवा लहराता मैं देख रहा हूं ।
द कश्मीर फाइल्स देखकर ,
हैवानों को मैं परखना सीख रहा हूं ।
अभी भी नहीं सुधरा भारत अगर देख कर ,
धर्म सनातन का अंत मैं देख रहा हूं ।
बरसों पहले भी लिखा था दर्द भरा सच हमने ,
आज भी सच मैं प्रमोद लीख रहा हूं ।
कल तक अनजान थे हम दरिंदों से ,
आज खुली आंखों से मैं सच देख रहा हूं ।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से
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©pramod malakar
# कश्मीर फाइल्स