बातें जीत हार तक होती तो बेसक मै हार जाता,
बात जब राष्ट्र की है तो मै कैसे हार जाऊ,
नहीं प्यारी है मुझे सत्ता और उसके ऐसो आराम,
बस राष्ट्र के दलालो से अपनों को बचाने की ठाने बैठा हु,
मै हारा हु मेरे अपनो से,सोते हुए कुछ सपनो से,
मैने भी ठानी है ,
कैसे भी करके मेरे अपनों को ही जगानी है,
बैर नही किसी से मेरा,
बस गद्दारों की अब खैर नहीं।
©मलंग
#modi_nation