नवरात्रि पर्व पावन,पंचम दिवस मनोहर। साकार स्कंदमात | हिंदी कविता

"नवरात्रि पर्व पावन,पंचम दिवस मनोहर। साकार स्कंदमाता,चहुँ ओर दृष्टिगोचर। माँ मोक्षदायिनी हैं,अनुपम ममत्व वाली, अज्ञान को मिटा माँ नवचेतना प्रखर कर। ©Subhash Singh"

 नवरात्रि पर्व पावन,पंचम दिवस मनोहर।
साकार स्कंदमाता,चहुँ ओर दृष्टिगोचर।
माँ मोक्षदायिनी हैं,अनुपम ममत्व वाली,
अज्ञान को मिटा माँ नवचेतना प्रखर कर।

©Subhash Singh

नवरात्रि पर्व पावन,पंचम दिवस मनोहर। साकार स्कंदमाता,चहुँ ओर दृष्टिगोचर। माँ मोक्षदायिनी हैं,अनुपम ममत्व वाली, अज्ञान को मिटा माँ नवचेतना प्रखर कर। ©Subhash Singh

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