पल्लव की डायरी
भ्र्ष्टाचार के सरोवर में
कैसे कैसे कमल खिल रहे है
जड़ जमीन से दूर
दमन के बल पर, बिष बैल बन रहे है
इन्हें गले लगाकर, सिर सब धुन रहे है
प्रीत जोड़कर ,खुशबू महकती राष्ट्र की
मगर दल दल में सारी व्यवस्था भेज रहे है
तन्दुरुस्ती के ख्वाब दिखाकर
डिप्रेशन में जनमानस को भेज रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Mulaayam डिप्रेशन में जनमानस को भेज रहे है
#nojotohindi