White वक़्त " बिना ज़रूरत के सब आसपास फिरते हैं, व | हिंदी शायरी

"White वक़्त " बिना ज़रूरत के सब आसपास फिरते हैं, वक्त ज़रूरत के, कोई नज़र नहीं आता। क्या इस बात को दुर्भाग्य में समझूं अपना या अकस्मात ही संयोग सा बन जाता है। ©Anuj Ray"

 White वक़्त "

बिना ज़रूरत के सब आसपास फिरते हैं,
वक्त ज़रूरत के, कोई नज़र नहीं आता।

क्या इस बात को दुर्भाग्य में समझूं अपना 
या अकस्मात ही संयोग सा बन जाता है।

©Anuj Ray

White वक़्त " बिना ज़रूरत के सब आसपास फिरते हैं, वक्त ज़रूरत के, कोई नज़र नहीं आता। क्या इस बात को दुर्भाग्य में समझूं अपना या अकस्मात ही संयोग सा बन जाता है। ©Anuj Ray

# वक़्त "

People who shared love close

More like this

Trending Topic