"ए मेरे खुदा तू आज फिर हार गया
फिर मौत की जगह जिंदगी थमा गया
नमी मांगी थी मैंने उसके नयनों मे मेरे लिए
तू तो मेरे ही अश्कों से मुझे ही निल्हा गया
आज फिर मेरे दिल के दो टुकड़े कर गया
आज देख तेरे सामने मैं जिंदा ही मर गया
मै उस बेवफ़ा का सारा हिसाब चुकता कर गया
पी थोड़ी यादो की शराब और ले देख मैं मर गया
कहना उस बेवफ़ा से वो यहां से चला गया
लक्ष्मण आज फिर अल्फाजों मे ही मर गया"