White संजोए सपने जोड़ कड़ी एक-एक, ना थी जो आश हमसे | हिंदी Shayari

"White संजोए सपने जोड़ कड़ी एक-एक, ना थी जो आश हमसे जग को, ठानी कर दिखाने की पावक में कनक शेंक, छोड़ा घर, छोड़े अपने, छोड़ी गली, घंटियां मंदिर की, कर तप निखर दुनिया चौंकाने को, है शुभ क्या? ये जग दिखलाने को! ©Shubh R."

 White संजोए सपने जोड़ कड़ी एक-एक,
ना थी जो आश हमसे जग को,
ठानी कर दिखाने की पावक में कनक शेंक,
छोड़ा घर, छोड़े अपने, छोड़ी गली, घंटियां मंदिर की,
कर तप निखर दुनिया चौंकाने को,
है शुभ क्या?
ये जग दिखलाने को!

©Shubh R.

White संजोए सपने जोड़ कड़ी एक-एक, ना थी जो आश हमसे जग को, ठानी कर दिखाने की पावक में कनक शेंक, छोड़ा घर, छोड़े अपने, छोड़ी गली, घंटियां मंदिर की, कर तप निखर दुनिया चौंकाने को, है शुभ क्या? ये जग दिखलाने को! ©Shubh R.

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