हम देखते तो हैं उन्हें , पर अब वो बात नहीं रहा
एक दरमियां होता बीच में , जैसे साथ नहीं रहा
उनकी आंखें अब हमें , ढूंढती ही नहीं कभी
हम दोनों एक थे शायद अब उन्हें याद नहीं रहा
अब मुस्कुराहट कोसों दूर , पास मायूसी के मेले से हो गए
वो आस-पास तो है , पर अब हम थोड़े अकेले से हो गए
©Shahab
#मायूसी