गजक की मिठास में सर्दी का राग है, रेवड़ी के संग मौ | हिंदी कविता

"गजक की मिठास में सर्दी का राग है, रेवड़ी के संग मौसम भी सुहाग है। मूंगफली की महक, संग बैठने का मज़ा, चाय की गर्मी और बातें बेवज़ा। भजिये की थाली में शामें खिलखिलाती, सर्दी की रातें यादें गुनगुनाती। यह रुत हर दिल को पास ले आए, सर्दी की यह मिठास, जीवन महकाए। ©Balwant Mehta"

 गजक की मिठास में सर्दी का राग है,
रेवड़ी के संग मौसम भी सुहाग है।
मूंगफली की महक, संग बैठने का मज़ा,
चाय की गर्मी और बातें बेवज़ा।

भजिये की थाली में शामें खिलखिलाती,
सर्दी की रातें यादें गुनगुनाती।
यह रुत हर दिल को पास ले आए,
सर्दी की यह मिठास, जीवन महकाए।

©Balwant Mehta

गजक की मिठास में सर्दी का राग है, रेवड़ी के संग मौसम भी सुहाग है। मूंगफली की महक, संग बैठने का मज़ा, चाय की गर्मी और बातें बेवज़ा। भजिये की थाली में शामें खिलखिलाती, सर्दी की रातें यादें गुनगुनाती। यह रुत हर दिल को पास ले आए, सर्दी की यह मिठास, जीवन महकाए। ©Balwant Mehta

#Winter

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