वो बूढ़ा बरगद बहुत मायूस और तन्हा सा है जिसकी पु | हिंदी कविता

"वो बूढ़ा बरगद बहुत मायूस और तन्हा सा है जिसकी पुरानी शाखों पर बने टायर के झूलों पर कभी झूलता था बचपन आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi"

 वो बूढ़ा बरगद
 बहुत मायूस और तन्हा सा है
 जिसकी पुरानी शाखों पर बने
 टायर के झूलों पर
 कभी झूलता था बचपन 

आशीष त्रिपाठी

©Ashish Tripathi

वो बूढ़ा बरगद बहुत मायूस और तन्हा सा है जिसकी पुरानी शाखों पर बने टायर के झूलों पर कभी झूलता था बचपन आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi

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