भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी | हिंदी कविता

"भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है। आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं, इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं। हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं। ©नवनीत ठाकुर"

 भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है,
सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है।

आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं,
इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं।
हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

©नवनीत ठाकुर

भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है। आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं, इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं। हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं। ©नवनीत ठाकुर

हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

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