बाद मुद्दत के फिर ऐसी वफा करोगी क्या? किसी और के ल | हिंदी शायरी

"बाद मुद्दत के फिर ऐसी वफा करोगी क्या? किसी और के लिए मुझसे दगा करोगी क्या? गर हम बिछड़ जाएं दुनियां की भीड़ कभी। ऐसे में दिल से मिलने की दुआ करोगी क्या? हां उस वक्त जब आप किसी और की होंगी। तब भी मेरे दर्द-ए-दिल की दवा करोगी क्या? जब आप रौनक-ए-गैर की बाहों की होंगी। फिर भी मेरे हक़ में ही दुआ करोगी क्या? जिस तरह आप जय के मुक़ाबिल हो अभी। किसी और से ऐसे हमकलाम करोगी क्या? ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri""

 बाद मुद्दत के फिर ऐसी वफा करोगी क्या?
किसी और के लिए मुझसे दगा करोगी क्या?

गर हम बिछड़ जाएं दुनियां की भीड़ कभी।
ऐसे में दिल से मिलने की दुआ करोगी क्या?

हां उस वक्त जब आप किसी और की होंगी।
तब भी मेरे दर्द-ए-दिल की दवा करोगी क्या?

जब आप रौनक-ए-गैर की बाहों की होंगी।
फिर भी मेरे हक़ में ही दुआ करोगी क्या?

जिस तरह आप जय के मुक़ाबिल हो अभी।
किसी और से ऐसे हमकलाम करोगी क्या?

©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri"

बाद मुद्दत के फिर ऐसी वफा करोगी क्या? किसी और के लिए मुझसे दगा करोगी क्या? गर हम बिछड़ जाएं दुनियां की भीड़ कभी। ऐसे में दिल से मिलने की दुआ करोगी क्या? हां उस वक्त जब आप किसी और की होंगी। तब भी मेरे दर्द-ए-दिल की दवा करोगी क्या? जब आप रौनक-ए-गैर की बाहों की होंगी। फिर भी मेरे हक़ में ही दुआ करोगी क्या? जिस तरह आप जय के मुक़ाबिल हो अभी। किसी और से ऐसे हमकलाम करोगी क्या? ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri"

वफ़ा करोगी क्या? #bestshayari #ghazal #bestghazal #mjaivishwa #Love #Break #HeaetBroken💔

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