रचना दिनांक। 19 जनवरी 2025 वार रविवार समय सुबह द | हिंदी मोटिवेशनल

"रचना दिनांक। 19 जनवरी 2025 वार रविवार समय सुबह दस बजे ््भाव चित्र ्् ्निज विचार ् छाया चित्र में कला संस्कृति में नभमण्डल में नक्षत्रों में तारे सितारे झिलमिलाते, नीले आकाश में टिमटिमाते तारे रात की रौशनी में दुबका हुआ,, चांद अमावस्या से अपनी रूह में वक्त का इन्तजार में, एक घड़ी आधी घड़ी विलक्षण प्रतिभा अनमोल है। तो देश दुनिया ही नही जहां जींव जीवाश्म से मिले, वायुमंडल में गैसीय ,और रसायनिक पदार्थ, हथियार,का परीक्षण ,, और प्रमाणन एवं स्वास्थ्य की दृष्टि और विश्व में सबसे अधिक प्रभावित होता हुआ ।। पर्यावरण और प्रदूषण पर चिंतित हैं,जनमानस में खगोलीय घटनाएं से आहत ना हो ऐसे अनेक अनेकानेक शोध और अनुसंधान संस्थान में ,, मानसिक सम्प्रेषण से वातावरण में मामुल चुल परिवर्तन शील आ कस्मिक घटनाओं से पुर्वानुमान और पुर्वाअभ्यास और अपने मुस्तैद रहते हुए,।। वैज्ञानिकों का प्रयोगधर्मी रिसर्च से सामने आये निष्कर्ष पर पहुंचा, तो दुनिया में अमन चैन शांति से जन्मा विचार ही , सुन्दर छबि मनोमय नरोत्तम उत्तमशक्ति परमपुरुष परमात्मा ने,, अदभुत झलकियां हकीकत शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाले, आकाशगंगा में एक जीवंत कलाकृति बनाने वाले, आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 19 जनवरी 2025 ©Shailendra Anand"

 रचना दिनांक।  19  जनवरी 2025
वार रविवार
समय सुबह दस बजे
््भाव चित्र ््
्निज विचार ्
छाया चित्र में कला संस्कृति में नभमण्डल में नक्षत्रों में तारे सितारे झिलमिलाते,
 नीले आकाश में टिमटिमाते तारे रात की रौशनी में दुबका हुआ,,
 चांद अमावस्या से अपनी रूह में वक्त का इन्तजार में,
 एक घड़ी आधी घड़ी विलक्षण प्रतिभा अनमोल है।
 तो देश दुनिया ही नही जहां जींव जीवाश्म से मिले,
 वायुमंडल में गैसीय ,और रसायनिक पदार्थ, हथियार,का परीक्षण ,,
और प्रमाणन एवं स्वास्थ्य की दृष्टि और विश्व में सबसे अधिक प्रभावित होता हुआ ।।
पर्यावरण और प्रदूषण पर चिंतित हैं,जनमानस में खगोलीय घटनाएं से आहत ना हो 
ऐसे अनेक अनेकानेक शोध और अनुसंधान संस्थान में ,,
मानसिक सम्प्रेषण से वातावरण में मामुल चुल परिवर्तन शील आ
कस्मिक घटनाओं से पुर्वानुमान और पुर्वाअभ्यास और अपने मुस्तैद रहते हुए,।।
 वैज्ञानिकों का प्रयोगधर्मी रिसर्च से सामने आये निष्कर्ष पर पहुंचा,
 तो दुनिया में अमन चैन शांति से जन्मा विचार ही ,
सुन्दर छबि मनोमय नरोत्तम उत्तमशक्ति परमपुरुष परमात्मा ने,,
 अदभुत झलकियां हकीकत शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाले,
 आकाशगंगा में एक जीवंत कलाकृति बनाने वाले,
 आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
19 जनवरी 2025

©Shailendra Anand

रचना दिनांक। 19 जनवरी 2025 वार रविवार समय सुबह दस बजे ््भाव चित्र ्् ्निज विचार ् छाया चित्र में कला संस्कृति में नभमण्डल में नक्षत्रों में तारे सितारे झिलमिलाते, नीले आकाश में टिमटिमाते तारे रात की रौशनी में दुबका हुआ,, चांद अमावस्या से अपनी रूह में वक्त का इन्तजार में, एक घड़ी आधी घड़ी विलक्षण प्रतिभा अनमोल है। तो देश दुनिया ही नही जहां जींव जीवाश्म से मिले, वायुमंडल में गैसीय ,और रसायनिक पदार्थ, हथियार,का परीक्षण ,, और प्रमाणन एवं स्वास्थ्य की दृष्टि और विश्व में सबसे अधिक प्रभावित होता हुआ ।। पर्यावरण और प्रदूषण पर चिंतित हैं,जनमानस में खगोलीय घटनाएं से आहत ना हो ऐसे अनेक अनेकानेक शोध और अनुसंधान संस्थान में ,, मानसिक सम्प्रेषण से वातावरण में मामुल चुल परिवर्तन शील आ कस्मिक घटनाओं से पुर्वानुमान और पुर्वाअभ्यास और अपने मुस्तैद रहते हुए,।। वैज्ञानिकों का प्रयोगधर्मी रिसर्च से सामने आये निष्कर्ष पर पहुंचा, तो दुनिया में अमन चैन शांति से जन्मा विचार ही , सुन्दर छबि मनोमय नरोत्तम उत्तमशक्ति परमपुरुष परमात्मा ने,, अदभुत झलकियां हकीकत शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाले, आकाशगंगा में एक जीवंत कलाकृति बनाने वाले, आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 19 जनवरी 2025 ©Shailendra Anand

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कवि शैलेंद्र आनंद

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