White ✍️आज की डायरी✍️
✍️मुश्किल है....✍️
सुकून की नींद आ जाना अब मुश्किल है ।
टूटे दिल को कहीं लगाना अब मुश्किल है ।।
बहुत कोशिश ना कर यूँ मिलने जुलने की ।
दूर होकर फ़िर पास आना अब मुश्किल है ।।
भुला सको तो भुला दो उन पुरानी यादों को ।
पहले की तरह याद आना अब मुश्किल है ।।
टूटे ख़्वाबों का गट्ठर जो उठाके चल रहा हो ।
उसका कोई और बोझ उठाना अब मुश्किल है ।।
जख़्म दिखाने को दिल अब इजाज़त नहीं देता ।
अश्क़ों को आंखों से निकाल पाना अब मुश्किल है ।।
अब लड़खड़ाया तो सम्हाल लेना तुम "नीरज"।
ख़ुद से ही फ़िर सम्हल जाना अब मुश्किल है ।।
✍️नीरज✍️
©डॉ राघवेन्द्र
#sad_shayari