नदी में कंकड़ फेक फिर एक दुआ मांगी है मैंने, कोशिशो
"नदी में कंकड़ फेक फिर एक दुआ मांगी है मैंने,
कोशिशो के सागर से धैर्यता की गहरायी चाही है मैंने,
अभी लहरो सा उतार -चढाव नही देखा है मैंने,
हल्के -हल्के से अभी हाथो को दरिया में डुबोया है मैंने....
श्रेयशी...."
नदी में कंकड़ फेक फिर एक दुआ मांगी है मैंने,
कोशिशो के सागर से धैर्यता की गहरायी चाही है मैंने,
अभी लहरो सा उतार -चढाव नही देखा है मैंने,
हल्के -हल्के से अभी हाथो को दरिया में डुबोया है मैंने....
श्रेयशी....