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"कभी कभी लगता है की कभी कभी लगता है कि मै क्यों हूं , क्या हूं केसे हूं किसलिये हूं। लेकिन जवाब मेरे पास न कल था न आज है और लगता है आने वाले कल में भी नही होगा। क्योंकि खुद को जानना किसी चमत्कार से कम नही जिस दिन हम खुद को जान लेंगे उस दिन हम ईस्वर को पा लेंगे। और फिर न हमारे मन में कोई भटकाव होगा न कोई उलझन न ही कोई ख्वाहिश होगी हमें सुकून मिल जाएगा। (चाहत) ©Chahat Kushwah"

 कभी कभी लगता है की कभी कभी लगता है कि मै क्यों हूं ,
क्या हूं केसे हूं किसलिये हूं।
लेकिन जवाब मेरे पास न कल था न आज है और लगता है
आने वाले कल में भी नही होगा।
क्योंकि खुद को जानना किसी चमत्कार से कम नही
जिस दिन हम खुद को जान लेंगे उस दिन हम ईस्वर को 
पा लेंगे।
और फिर न हमारे मन में  कोई भटकाव होगा न कोई उलझन 
न ही कोई ख्वाहिश होगी हमें सुकून मिल जाएगा।
(चाहत)

©Chahat Kushwah

कभी कभी लगता है की कभी कभी लगता है कि मै क्यों हूं , क्या हूं केसे हूं किसलिये हूं। लेकिन जवाब मेरे पास न कल था न आज है और लगता है आने वाले कल में भी नही होगा। क्योंकि खुद को जानना किसी चमत्कार से कम नही जिस दिन हम खुद को जान लेंगे उस दिन हम ईस्वर को पा लेंगे। और फिर न हमारे मन में कोई भटकाव होगा न कोई उलझन न ही कोई ख्वाहिश होगी हमें सुकून मिल जाएगा। (चाहत) ©Chahat Kushwah

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