जब मेरी मां ने कहा कि
तुम्हारी बडी बहन
को देखने लड़के वाले आने वाले हैं ।
तो थोड़ा ध्यान रखना ।
और उसके साथ
अदब से पेश आना ।
मुझे कुछ समझ नही आया ।
मुझे लगा कि दीदी अगर ससुराल चली गई
तो मेरा स्कूल का काम कौन करायेगा?
बस यही सोचकर
मैने मेहमानों की चाय मै ढेर सारा नमक .मिला दिया ।
और जैसे ही दीदी ने मेहमानों के सामने
चाय सर्व की तो मेहमान मुंह बनाने लगे ।
दीदी सारी बात समझ गई ।
और गुस्से आग बबूला होते हुए ' ।
मेरी दीदी ने कस कर मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारा ।
और कहा कि छोटु यह क्या बतमीजी है ।
कोई मेहमानों के साथ ऐसा सलूख करता है क्या?
बताओं ऐसा क्यों किया ?
मैनें रोते रोते अपनी दीदी से कहा
कि अगर आपका रिश्ता पक्का हो जाता तो आप हम से दूर चली जाती '
हम आपके बिना कैसे रह पाते ?
और फिर मेरा स्कूल का गृह कार्य कौन पूरा कराता ?
यह सुनकर दीदी ने रोते हुए मुझे गले लगा लिया ।
और कहा - छोटू बेटिया तो पराया धन होती है।
एक ना एक दिन उन्हें दूसरे घर जाना ही पड़ता है ।
©Shakuntala Sharma
# मेरी दीदी # जब मैने ये किला