तुझे चाहना है बस मेरा काम तुझे पाने की ख्वाहिश नह | हिंदी विचार

"तुझे चाहना है बस मेरा काम तुझे पाने की ख्वाहिश नही मेरी, तू नसीव में होती तो मिल ही जाती इस तरह तकदीर में न होती दूरी। तुझे भरम हो या गलत फहमी कोई बात नही, चाहत चाँद की है और रहेगी यूँ ही। प्रेम में मिलन कब हुआ है, राधा कृष्ण का भी तो बिरह हुआ है। (चाहत) ©Chahat Kushwah"

 तुझे चाहना है बस मेरा काम
 तुझे पाने की ख्वाहिश नही मेरी,
तू नसीव में होती तो मिल ही जाती
 इस तरह तकदीर में न होती दूरी।
तुझे भरम हो या गलत फहमी कोई बात नही,
चाहत चाँद की है और रहेगी यूँ ही।
प्रेम में मिलन कब हुआ है,
राधा कृष्ण का भी तो बिरह हुआ है।
(चाहत)

©Chahat Kushwah

तुझे चाहना है बस मेरा काम तुझे पाने की ख्वाहिश नही मेरी, तू नसीव में होती तो मिल ही जाती इस तरह तकदीर में न होती दूरी। तुझे भरम हो या गलत फहमी कोई बात नही, चाहत चाँद की है और रहेगी यूँ ही। प्रेम में मिलन कब हुआ है, राधा कृष्ण का भी तो बिरह हुआ है। (चाहत) ©Chahat Kushwah

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