White अर्ज़ है....
मेरी तारीफ़ में कुछ बात कहो ना तुम भी कभी, मेरे लिए दिन को रात कहो ना
मेरी आँखों को तुम, कजरारे बादल और मेरी जुल्फ़ों को, कभी बरसात कहो ना
मेरी खनकती चूड़ियों को, अपनी धड़कन और मेरे आँचल को, तारों की बारात कहो ना
मेरी सादगी को, सर्द रातों की शबनमी बूंद और मेरी मुस्कान को, दिन की शुरआत कहो ना
क्या मेरे तसव्वुर में ढलती तुम्हारी हर शाम है बिना छुपाये मुझसे, अपनी हर बात कहो ना मेरे लिए तुम भी कभी, दिन को रात कहो ना..!!
©Kanchan Agrahari
#Thinking @Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 @shivom upadhyay Munni @sushil
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