ना वो रूढ़ा था ना हम खफा हुए थे वफा की इस कहानी म | हिंदी शायरी

"ना वो रूढ़ा था ना हम खफा हुए थे वफा की इस कहानी में ना जाने कैसे हम जुदा हुए थे जन्मों के साथ इसी जन्म में हम बिछड़े थे वादें मुझे याद थी और वो भी न भूले थे ©प्रतिमा कुमार यादव"

 ना वो रूढ़ा था 
ना हम खफा हुए थे
वफा की इस कहानी में
ना जाने कैसे हम जुदा हुए थे
जन्मों के साथ इसी जन्म में हम बिछड़े थे 
वादें मुझे याद थी  और वो भी न भूले थे

©प्रतिमा कुमार यादव

ना वो रूढ़ा था ना हम खफा हुए थे वफा की इस कहानी में ना जाने कैसे हम जुदा हुए थे जन्मों के साथ इसी जन्म में हम बिछड़े थे वादें मुझे याद थी और वो भी न भूले थे ©प्रतिमा कुमार यादव

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