"inkygirl
कोई चिलमिलाती धूप में ढेले लिए फिर रहा
कोई टनों में अनाज बोकर भी, भूख से जंग कर रहा
ये सब कागज के चंद टुकडो की ही तो माया है
न गरीब चैन से जी पाया है,न अमीर चैन से सो पाया है...."
inkygirl
कोई चिलमिलाती धूप में ढेले लिए फिर रहा
कोई टनों में अनाज बोकर भी, भूख से जंग कर रहा
ये सब कागज के चंद टुकडो की ही तो माया है
न गरीब चैन से जी पाया है,न अमीर चैन से सो पाया है....