Autumn मैं........
मैं हिन्दी का चन्द्रबिन्दु बन जाऊं,
कोई मुझे अपने मस्तक पर सजाएं,,
स्वरों की तरह सब में सम्मिलित हो जाऊं,
हिन्दी के शब्दकोष में कही खो जाऊं ,,
महाप्राण या अल्पप्राण ना सही,
मैं किसी की प्राणप्रिय बन जाऊं ,,
कोई स्वादिष्ट व्यंजन बनाना जानूं ना ,
पर स्पर्श व्यंजनों की तरह सबका मान - सम्मान करना जानूं,,
संयुक्त वाक्यों का मेल, मिश्रित वाक्यों पर आश्रित हो जाऊं,
बस मैं एक सरल वाक्य बन जाऊं,,
सबसे प्रेम में उपसर्ग की तरह आगे,
और यदि मेरे ह्रदय में कटुता हो तो प्रत्यय की तरह पीछे लग जाऊं ,,
मैं संधि के विस्तार में नहीं,
बल्कि समास की संक्षिप्तता में समाहित हो जाऊं,,
किसी को ना एकवचन दूं ना बहुवचन,
लेकिन हां स्वयं को ख़ुश रखने का हर वचन निभाऊं,,
ना पर्याय ना विलोम,
मैं तो बस सादगी की अमूर्त मूरत बन जाऊं___
Thank you हिन्दी ✍️✍️❣️
©Sanjana Hada
#autumn