बातिल की तलवारें खिंची, हक का सिर सज़दे में था। मौत का साया भी जिन्हें, इबादत से ना रोक सका।। ऐसी इबादत फरिश्तों सुनो, तुम भी ना कर सकोगे कभी। वो बंदा हुसैन था,,, नबी(सल्ल.) का नूरे-ऐन था। ©Sabir Khan हुसैन #parent Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto