जब ब्रह्मांड सोना चाहते हैं, तब तुम्हारी बांसुरी | हिंदी शायरी

"जब ब्रह्मांड सोना चाहते हैं, तब तुम्हारी बांसुरी की धुन से सोते हैं। मगर जब ब्रह्मांड जागना चाहते हैं, तब तुम्हारी पंचजन्य शंख से जगते हैं। यह तो तुम्हारी लीला हे प्रभु, हम तो सिर्फ देखना चाहते हैं।।"

 जब ब्रह्मांड  सोना चाहते हैं,
तब तुम्हारी बांसुरी की धुन से सोते हैं।
मगर जब ब्रह्मांड जागना चाहते हैं,
तब तुम्हारी पंचजन्य शंख से जगते हैं।
यह तो तुम्हारी लीला हे प्रभु,
हम तो सिर्फ देखना चाहते हैं।।

जब ब्रह्मांड सोना चाहते हैं, तब तुम्हारी बांसुरी की धुन से सोते हैं। मगर जब ब्रह्मांड जागना चाहते हैं, तब तुम्हारी पंचजन्य शंख से जगते हैं। यह तो तुम्हारी लीला हे प्रभु, हम तो सिर्फ देखना चाहते हैं।।

#Janamashtmi2020 @Anuj Yadav @Shahrukh Milawat @SACHIN KASHYAP //sweta_dankhara_11// @singer Neha

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