-: Mantra for a happy life :- अपनी हर एक उपलब्धि अ

"-: Mantra for a happy life :- अपनी हर एक उपलब्धि अपनी हर एक ताकत का सम्मान करो! अपनी कमियों को जानो स्वीकार करो पर उन कमियों को कभी भी अपनी कमजोरी न बनने दो ! अपनी हर एक छोटी से छोटी जीत का जश्न बख़ूबी मनाओ ! प्रतिद्वन्द्वी बनो परंतु दूसरे से ज्यादा आप अपने खुद के प्रतिद्वंदी बनो! खुद को खुद पर खर्च करो! अपने हर एक अगले पल को बीते हुए पल से बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करो! खुद का साथी खुद बनो! अपनी जीत पर खुद को सबसे पहले खुद बधाई दो, और अपनी हार पर किसी दूसरे से सान्त्वना की अपेक्षा मत रखो खुद ही खुद को समझाओ! खुद ही खुद का कृष्णा खुद ही खुद का अर्जुन बनो! साथ ही साथ सबसे अहम बात ये सोचना कम करो कि ये क्या सोचते होंगे वो क्या सोचते होंगे अगर आप यही सोचेंगे तो आप क्या नया अपने लिए सोचेंगे! जिंदगी छोटी पड़ जाएगी सोचने में, परंतु पर्याप्त है खुद के लिए खुद कुछ करने के लिए! ©Mahendra Dwivedi"

 -: Mantra for a happy life :-
अपनी हर एक उपलब्धि अपनी हर एक ताकत का सम्मान करो! अपनी कमियों को जानो स्वीकार करो पर उन कमियों को कभी भी अपनी कमजोरी न बनने दो ! अपनी हर एक छोटी से छोटी जीत का जश्न बख़ूबी मनाओ ! प्रतिद्वन्द्वी बनो परंतु दूसरे से ज्यादा आप अपने खुद के प्रतिद्वंदी बनो! खुद को खुद पर खर्च करो! अपने हर एक अगले पल को बीते हुए पल से बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करो! खुद का साथी खुद बनो! अपनी जीत पर खुद को सबसे पहले खुद बधाई दो, और अपनी हार पर किसी दूसरे से सान्त्वना की अपेक्षा मत रखो खुद ही खुद को समझाओ! खुद ही खुद का कृष्णा खुद ही खुद का अर्जुन बनो! साथ ही साथ सबसे अहम बात ये सोचना कम करो कि ये क्या सोचते होंगे वो क्या सोचते होंगे अगर आप यही सोचेंगे तो आप क्या नया अपने लिए सोचेंगे! जिंदगी छोटी पड़ जाएगी सोचने में, परंतु पर्याप्त है खुद के लिए खुद कुछ करने के लिए!

©Mahendra Dwivedi

-: Mantra for a happy life :- अपनी हर एक उपलब्धि अपनी हर एक ताकत का सम्मान करो! अपनी कमियों को जानो स्वीकार करो पर उन कमियों को कभी भी अपनी कमजोरी न बनने दो ! अपनी हर एक छोटी से छोटी जीत का जश्न बख़ूबी मनाओ ! प्रतिद्वन्द्वी बनो परंतु दूसरे से ज्यादा आप अपने खुद के प्रतिद्वंदी बनो! खुद को खुद पर खर्च करो! अपने हर एक अगले पल को बीते हुए पल से बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करो! खुद का साथी खुद बनो! अपनी जीत पर खुद को सबसे पहले खुद बधाई दो, और अपनी हार पर किसी दूसरे से सान्त्वना की अपेक्षा मत रखो खुद ही खुद को समझाओ! खुद ही खुद का कृष्णा खुद ही खुद का अर्जुन बनो! साथ ही साथ सबसे अहम बात ये सोचना कम करो कि ये क्या सोचते होंगे वो क्या सोचते होंगे अगर आप यही सोचेंगे तो आप क्या नया अपने लिए सोचेंगे! जिंदगी छोटी पड़ जाएगी सोचने में, परंतु पर्याप्त है खुद के लिए खुद कुछ करने के लिए! ©Mahendra Dwivedi

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