दुनिया की निगाहों से, दुनियां की पनाहो से
जो छिप कर दफ्न हुईं बैठी हूं
हकीकत मैं वही हूं मैं
जो दिल में अपने ख्वाब संजोए बैठी हु
हकीकत मैं वही हूं मैं
न जाने क्यों लोग छोड जाते हैं
हकीकत से मुंह मोड़ जाते हैं
पहले कुछ और होते हैं
फिर कुछ और हो जाते हैं
फिर भी
दिल में ना जाने कितने अरमान लिए बैठी हूं
हकीकत में वही हु मैं
©Himanshi chaturvedi
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#Rose