#DaughtersDay पिता की आन मान और सम्मान होती हैं ब | हिंदी कविता

"#DaughtersDay पिता की आन मान और सम्मान होती हैं बेटियां, हर घर की दुर्गा,पदमा और जौहर होती हैं बेटियां, सहजता के साथ प्रेम से पालकर तो देखो इन बेटियों को, हर भाई की कलाई की पहचान होती हैं यह बेटियां।।1।। उस मां से पूछो जिसने अपनी कोख में नौ माह से पाला, फिर भी क्यों किया जा रहा इन बेटियों के साथ घोटाला, बेटियों को बेटों से कम क्यों आंकते हो यह मुझको बताइए, जिस घर में बेटे ना हो वहां बेटियों ने ही तो घर संभाला।।2।। बेटी किरण है सूरज की उजाला फैलाती है, बेटी ही तो है जो घर में पवित्रता को लाती है, बेटी हैं वो कलियां जो घर की बगिया में है खिलती, बेटी वो सुगंध है जो घर के आंगन को महकाती है।।3।। ये बेटियां आज बेटों से किस क्षेत्र में कम हैं, ले लो चाहे कोई भी क्षेत्र वो दिखाती वहां दम हैं, बेटियों के जन्म होने पर अब तुम क्यों इतराते हो, अब बेटियों की कीमत भी नहीं बेटों से कम हैं।। 4।। अब इन बेटियों को उनके सारे अधिकार को दीजिए, लिंगभेद की विडंबना दूर कर एक दूजे को एक तार कीजिए, बेटियों को उड़ने दो खुले आसमां में तुम बंधन की तोड़ प्राचीन परिपाटी को, इतना तो हक हम सबका बनता है उनके सारे सपनों को साकार होने दीजिए।।5।। - आदित्य यादव उर्फ़ 'कुमार आदित्य यदुवंशी' ©Aditya Yadav"

 #DaughtersDay  पिता की आन मान और सम्मान होती हैं बेटियां,
हर घर की दुर्गा,पदमा और जौहर होती हैं बेटियां,
सहजता के साथ प्रेम से पालकर तो देखो इन बेटियों को,
हर भाई की कलाई की पहचान होती हैं यह बेटियां।।1।।

उस मां से पूछो जिसने अपनी कोख में नौ माह से पाला,
फिर भी क्यों  किया जा रहा इन बेटियों के साथ घोटाला,
बेटियों को बेटों से कम क्यों आंकते हो यह मुझको बताइए,
जिस घर में बेटे ना हो वहां बेटियों ने ही तो घर संभाला।।2।।

बेटी किरण है सूरज की उजाला फैलाती है,
बेटी ही तो है जो घर में पवित्रता को लाती है,
बेटी हैं वो कलियां जो घर की बगिया में है खिलती,
बेटी वो सुगंध है जो घर के आंगन को महकाती है।।3।।

ये बेटियां आज बेटों से किस क्षेत्र में कम हैं,
ले लो चाहे कोई भी क्षेत्र वो दिखाती वहां दम हैं,
बेटियों के जन्म होने पर अब तुम क्यों इतराते हो,
अब बेटियों की कीमत भी नहीं बेटों से कम हैं।। 4।।

अब इन बेटियों को उनके सारे अधिकार को दीजिए,
लिंगभेद की विडंबना दूर कर एक दूजे को एक तार कीजिए,
बेटियों को उड़ने दो खुले आसमां में तुम बंधन की तोड़ प्राचीन परिपाटी को, 
इतना तो हक हम सबका बनता है उनके सारे सपनों को साकार होने दीजिए।।5।।

                 
- आदित्य यादव उर्फ़ 
    'कुमार आदित्य यदुवंशी'

©Aditya Yadav

#DaughtersDay पिता की आन मान और सम्मान होती हैं बेटियां, हर घर की दुर्गा,पदमा और जौहर होती हैं बेटियां, सहजता के साथ प्रेम से पालकर तो देखो इन बेटियों को, हर भाई की कलाई की पहचान होती हैं यह बेटियां।।1।। उस मां से पूछो जिसने अपनी कोख में नौ माह से पाला, फिर भी क्यों किया जा रहा इन बेटियों के साथ घोटाला, बेटियों को बेटों से कम क्यों आंकते हो यह मुझको बताइए, जिस घर में बेटे ना हो वहां बेटियों ने ही तो घर संभाला।।2।। बेटी किरण है सूरज की उजाला फैलाती है, बेटी ही तो है जो घर में पवित्रता को लाती है, बेटी हैं वो कलियां जो घर की बगिया में है खिलती, बेटी वो सुगंध है जो घर के आंगन को महकाती है।।3।। ये बेटियां आज बेटों से किस क्षेत्र में कम हैं, ले लो चाहे कोई भी क्षेत्र वो दिखाती वहां दम हैं, बेटियों के जन्म होने पर अब तुम क्यों इतराते हो, अब बेटियों की कीमत भी नहीं बेटों से कम हैं।। 4।। अब इन बेटियों को उनके सारे अधिकार को दीजिए, लिंगभेद की विडंबना दूर कर एक दूजे को एक तार कीजिए, बेटियों को उड़ने दो खुले आसमां में तुम बंधन की तोड़ प्राचीन परिपाटी को, इतना तो हक हम सबका बनता है उनके सारे सपनों को साकार होने दीजिए।।5।। - आदित्य यादव उर्फ़ 'कुमार आदित्य यदुवंशी' ©Aditya Yadav

Happy Daughter's Day
#DaughtersDay

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