White पल्लव की डायरी कैसे खिले फूल बगिया में जब खा | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी कैसे खिले फूल बगिया में जब खाद्यपानी माली खा जाये कली कली मसल दी यौवन की बहार जीवन मे कैसे आये उभर ना पाये योग्यता के बल पर धोखा हम सब पढ़ पढ़ कर खाये हर नॉकरी मजदूरी जैसी असुरक्षित होकर धोखा खाये सियासतों ने हाथ बाँध दिये उनसे बड़ा कोई होकर चुनौती उन्हें कोई दे ना पाये पतझड़ जैसी बंदिशें लाकर युवा कैसे फल फूल पाये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
कैसे खिले फूल बगिया में
जब खाद्यपानी माली खा जाये
कली कली मसल दी यौवन की
बहार जीवन मे कैसे आये
उभर ना पाये योग्यता के बल पर
धोखा हम सब पढ़ पढ़ कर खाये
हर नॉकरी मजदूरी जैसी
असुरक्षित होकर धोखा खाये
सियासतों ने हाथ बाँध दिये
उनसे बड़ा कोई होकर
चुनौती उन्हें कोई दे ना पाये
पतझड़ जैसी बंदिशें लाकर
युवा कैसे फल फूल पाये
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी कैसे खिले फूल बगिया में जब खाद्यपानी माली खा जाये कली कली मसल दी यौवन की बहार जीवन मे कैसे आये उभर ना पाये योग्यता के बल पर धोखा हम सब पढ़ पढ़ कर खाये हर नॉकरी मजदूरी जैसी असुरक्षित होकर धोखा खाये सियासतों ने हाथ बाँध दिये उनसे बड़ा कोई होकर चुनौती उन्हें कोई दे ना पाये पतझड़ जैसी बंदिशें लाकर युवा कैसे फल फूल पाये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#GoodMorning धोखा हम सब पढ़ पढ़ कर खाये

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