White पानी की हो किल्लत जितनी, नेता को यह भाता है‌ | हिंदी Poetry

"White पानी की हो किल्लत जितनी, नेता को यह भाता है‌। पानी - पानी कर देने के, वादों पर इतराता है।। पानी स्वयं तत्व होने का अपना बोध कराता है। जिनका पानी उतर गया वह ईंधन ही हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White पानी की हो किल्लत जितनी, नेता को यह भाता है‌।
पानी - पानी कर  देने  के,  वादों  पर  इतराता  है।।
पानी  स्वयं  तत्व  होने  का  अपना  बोध कराता है।
जिनका पानी उतर गया वह ईंधन ही हो जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena

White पानी की हो किल्लत जितनी, नेता को यह भाता है‌। पानी - पानी कर देने के, वादों पर इतराता है।। पानी स्वयं तत्व होने का अपना बोध कराता है। जिनका पानी उतर गया वह ईंधन ही हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena

#good_night पानी की बात. hindi poetry

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