मुझको भी सजा लो तुम अपने हर पल में,
माँ बुला लो मुझको तुम तारों के बादल में,
बरसों रहा हूँ भटका के मैं अब और नहीं
मुझको भी सुला दो तुम अपने आँचल में।
भरा हुआ समंदर गोया रहा हूँ प्यासा
प्यास बुझा दो मेरी माँ डुबा के दलदल में
फूल हूँ बिखरा हुआ ख़िज़ा के मौसम का
मुझको उठा के मिला दो अपने संदल में।
माँ बुला लो मुझको #Nojotovoice