मोहब्बत में हुए अर्सों जो तुमने बात छेड़ी है, कहो य | हिंदी Poetry Vide

"मोहब्बत में हुए अर्सों जो तुमने बात छेड़ी है, कहो ये साँझ काफी है या रातों की ज़रूरत है। मिटाने तिश्नगी तेरी कई पैगाम भेजे हैं, कहो अल्फ़ाज़ काफी हैं या होंठों की ज़रूरत है। मेरी धड़कन तेरे सरगम मिलें तो गीत बन जाएं, कहो ये राग काफी है या सांसों की ज़रूरत है। चढ़ा है इश्क़ ज़ोरों से तुझे आगोश में भर लूँ, कहो एहसास काफी हैं या बाँहों की ज़रूरत है। ©Sam "

मोहब्बत में हुए अर्सों जो तुमने बात छेड़ी है, कहो ये साँझ काफी है या रातों की ज़रूरत है। मिटाने तिश्नगी तेरी कई पैगाम भेजे हैं, कहो अल्फ़ाज़ काफी हैं या होंठों की ज़रूरत है। मेरी धड़कन तेरे सरगम मिलें तो गीत बन जाएं, कहो ये राग काफी है या सांसों की ज़रूरत है। चढ़ा है इश्क़ ज़ोरों से तुझे आगोश में भर लूँ, कहो एहसास काफी हैं या बाँहों की ज़रूरत है। ©Sam

#tisnagi

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