मझधार में फसें है, साहिल का नही पता। राह तो चल रहे है, मंज़िल का नही पता। मगर यकीन है तोड़ेंगे गुमान तेरा भी ऐ - मुकद्दर उम्मीद से वाबस्ता है मेहनत से खता नहीं। ✒️_Shubh_writes ©Shubh_writes Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto