मिला करते थे जहाँ हम तुम ठिकाना याद है तुमको सुना | हिंदी Shayari
"मिला करते थे जहाँ हम तुम ठिकाना याद है तुमको
सुना है उस जगह कोई नही अब और जाता है
तुम्हारी पैर की पायल खनकती है वहाँ अब भी
गुजरता हूँ वहाँ से जब सुनाई शोर आता है
मुसाफिर रोहित पाल"
मिला करते थे जहाँ हम तुम ठिकाना याद है तुमको
सुना है उस जगह कोई नही अब और जाता है
तुम्हारी पैर की पायल खनकती है वहाँ अब भी
गुजरता हूँ वहाँ से जब सुनाई शोर आता है
मुसाफिर रोहित पाल