पसीने से तरबतर , मुँह उसका लाल था । एक तप्त | हिंदी Video

"पसीने से तरबतर , मुँह उसका लाल था । एक तप्त अग्नि की भांति ,तपा उसका भाल था । दो जून की रोटी का ,फ़क़त मन मे सवाल था । बुभुक्षा परिवार की ना शांत करने का मलाल था । फिर बंद की भट्टी में जला,उसका हर ख्याल था । बच्चों की मृत सी सूरत से , वो फिर बेहाल था ।। ©poonam atrey "

पसीने से तरबतर , मुँह उसका लाल था । एक तप्त अग्नि की भांति ,तपा उसका भाल था । दो जून की रोटी का ,फ़क़त मन मे सवाल था । बुभुक्षा परिवार की ना शांत करने का मलाल था । फिर बंद की भट्टी में जला,उसका हर ख्याल था । बच्चों की मृत सी सूरत से , वो फिर बेहाल था ।। ©poonam atrey

#कोरोनाकाल
#लोकडाउन_के_वह_21_दिन

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